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कदम कदम पर थी मौत, बावजूद कोबरा जवानों ने किया ढेर


गया के मगध मेडिकल काॅलेज अस्पताल में भर्ती कोबरा के घायल जवान मिथुन गोस्वामी ने डुमरी नाला-सोनडाहा में अर्द्धसैनिक बलों और नक्सली के बीच मुठभेड़ की पूरी स्थिति बताई। घायल जवान की रिपोर्ट में जो सामने आया, उससे साफ जाहिर था कि इस बार माओवादियों के इलाके काफी विध्वंसक थे। करीब तीन सौ के करीब लैंड माइंस प्लांट किए गए थे।
- चारों दिशाओं से नक्सलियों ने मोर्चा भी संभाल रखा था।
- एक के बाद एक कर मौत के रूप में नक्सलियों द्वारा लगाए गए तकरीबन चालीस लैंड माइन्स का विस्फोट हुआ।
- इसके बाद चारों ओर से नक्सलियों ने फायरिंग शुरू कर दी थी।
जैसे बिजली कड़क रही हो

- सोमवार को तकरीबन सुबह के दस बजे कोबरा का टीम एसपी बाबूराम के साथ नक्सलियों की टोह में निकली थी।
- टीम औरंगाबाद-गया के सीमावर्ती इलाके में थी। इसी बीच अचानक विस्फोट हुआ। शुरू में ऐसा लगा, जैसे बिजली कड़क रही हो।
- किंतु जवान साथी गिरते नजर आए तो पता चला कि नक्सलियों ने लैंड माइन्स विस्फोट कर हमला कर दिया है।
- लैंड माइन्स का सीरियल विस्फोट हो रहा था। करीब आधे किलोमीटर से अधिक के दायरे में चालीस से अधिक लैंड माइन्स विस्फोट हुए।
जवानों ने दिया मुंहतोड़ जवाब

- ऐसी परिस्थिति में भी हमले नक्सलियों के हमले के खिलाफ मोर्चा खोले रखा और एक-एक कर तीन नक्सलियों को मार गिराया।
- कोबरा और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ के दौरान घायल हुए मिथुन गोस्वामी उस पल को याद कर अचानक शांत हो जाता है।
- फिर मुठभेड़ के बारे में रूक-रूककर घायल कोबरा जवान मिथुन गोस्वामी कोबरा की टीम के साथ रेनफोर्समेंट ग्रुप में था।
चारों ओर से अचानक शुरू कर दी थी फायरिंग

- नक्सलियों ने बिछाए जाल के मुताबिक लैंड माइन्स विस्फोट के बाद चारों ओर से फायरिंग शुरू कर दी थी।
- सीरीयल लैंड माइन्स का ब्लास्ट के बावजूद भी जवानों ने मोर्चा संभाले रखा। तीन नक्सलियों को मार गिराया गया।
- मुठभेड़ लगातार चल रही थी। इस बीच शाम हो चुका था और मूसलाधार बारिश से परेशानियां बढ़ रही थी। बावजूद इसके जवानों ने हौसले को टूटने नहीं दिया।
क्या नक्सलियों ने ही जान बुझकर बुलाया

- चार माओवादियों के मारे जाने और दस कोबरा जवानों के शहीद होने के बाद अब कई तरह के चर्चे हो रहे।
- क्या औरंगाबाद एसपी को मिली गुप्त सूचना माओवादियों की ही रणनीति का हिस्सा थी, इस पर अर्द्धसैनिक बलों के अधिकारियों का मंथन जारी है। चूक कहां से हुई, इसे भी तलाशा जा रहा।
ढ़ाई सौ की संख्या में थे माओवादी

- इधर जानकारी के अनुसार माओवादियों का हथियारबंद दस्ता करीब ढ़ाई सौ की संख्या में ठहरा हुआ था। सभी अत्याधुनिक हथियारों से लैस थे।
- सोमवार को औरंगाबाद एसपी बाबूराम को गुप्त सूचना मिली थी कि नक्सलियों का दस्ता डुमरी नाला-सोनडाहा के इलाके में ठहरा हुआ है।
- इसके बाद कोबरा जवानों के साथ औरंगाबाद-गया के उक्त सीमावर्ती इलाकों में अर्द्धसैनिक बलों ने सर्च आपरेशन शुरू किया था।
- लेकिन माओवादी इतनी तैयारी के साथ विध्वंसक घटना को अंजाम देने की फिराक में होंगे, यह औरंगाबाद के एसपी के जेहन में तनिक भी नहीं आया था।

बड़े माओवादी नेता के मारे जाने की चर्चा

- मुठभेड़ के दौरान मारे गए तीन नक्सलियों में एक बड़े माओवादी नेता के भी मारे जाने की चर्चा हो रही है।
- आजाद नाम के नक्सली को मार गिराने की बात सामने आई है। हालांकि नक्सलियों की पहचान पर अभी तक पुलिस महकमे ने स्पष्ट तौर पर कुछ भी नहीं बताया है। वैसे एक महिला नक्सली के मारे जाने की भी बात सामने आई है।

Credits : Bhaskar
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